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"कीचड़ वाली होली, भाईचारे की बोली!"

 

मिट्टी की खुशबू, अपनापन है साथ,
होली में रंगे, ये भाईचारे की बात।
रंग नहीं, कीचड़ सही, पर प्यार गहरा,
यारी का रिश्ता है सबसे सुनहरा।

गिले-शिकवे सब धुल गए आज,
मिलकर खेली हमने खुशियों की साज।
कोई रंग न सही, मगर दिल रंगीन,
ऐसी होली मुबारक, रहे सदा हसीन!


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