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11/03/21

प्रिय सुंदरी,

          बहुत दिनों बाद तुम्हें पत्र लिख रहा हूँ। शायद तुम्हें अब मेरी याद भी न आती हो, और यह भी हो सकता है कि इस खत का कोई मतलब तुम्हारे लिए न हो। लेकिन फिर भी, एक बार दिल की बात कहनी थी, इसलिए लिख रहा हूँ।

सुना है, तुम्हारे घर खुशियों की किलकारियाँ गूंज रही हैं। तुम्हारे बच्चे हो गए। ये खबर सुनकर एक अजीब सा एहसास हुआ—खुशी भी, और हल्का सा दर्द भी। खुशी इसलिए कि तुम अपनी ज़िंदगी में एक नए दौर में प्रवेश कर चुकी हो, जहाँ तुम्हारे पास अब वो नन्हें हाथ हैं, जो तुम्हें थामे रहेंगे, और दर्द इसलिए कि कभी सोचा था, यह लम्हा हमारे साथ आएगा।

लेकिन जो भी हुआ, अब मैं बस यही चाहता हूँ कि तुम्हारी ज़िंदगी हमेशा खुशहाल रहे। तुम्हारे बच्चे दुनिया की हर खुशी देखें, और तुम एक बेहतरीन माँ बनो—इसमें मुझे कोई शक नहीं।

अगर कभी पुरानी यादें तुम्हारे दिल में दस्तक दें, तो बस मुस्कुरा देना। मैं अब भी तुम्हारी हंसी की दुआ करता हूँ, जैसे पहले किया करता था।

तुम्हारा,
कुंदन


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