तारीख - [17/02/2025]
जगह - दिल्ली
समय - [सुबह/दोपहर/रात्रि]
आज, दिल्ली के रफ़्तार और इतिहास दोनों ने मुझे मोह लिया! आज जब दिल्ली के गलियों में कदम रखा, तो लगा जैसे इतिहास और आधुनिकता दोनों का संगम देख रहा हूँ। यहाँ एक ओर लाल किला, कुतुब मीनार और इंडिया गेट जैसे ऐतिहासिक धरोहरें थीं, तो दूसरी ओर कनॉट प्लेस, साकेत मॉल और सड़कों पर दौड़ती मेट्रो की रफ़्तार थी। दिल्ली सच में एक शहर नहीं, बल्कि एक अनुभव है।
सबसे पहले पहुँचा लाल किला, जहाँ भारत की आज़ादी की अनगिनत कहानियाँ दबी हुई हैं। उसकी विशाल दीवारों को छूते ही लगा जैसे इतिहास खुद को दोहरा रहा हो। फिर जामा मस्जिद गया, जहाँ से पुरानी दिल्ली का दिलचस्प नज़ारा दिखा। वहाँ की तंग गलियों और हलचल भरे माहौल ने दिल को एक अलग ही एहसास दिया।
इसके बाद इंडिया गेट पहुँचा, जहाँ शहीदों की याद में जलती अमर जवान ज्योति देखकर मन गर्व से भर गया। फिर सफर जारी रहा कुतुब मीनार की ओर, जिसकी ऊँचाई और खूबसूरती देखकर मन मंत्रमुग्ध हो गया।
दिल्ली की सड़कों और बाजारों में हलचल
ये सब घूमने के बाद अब समय था दिल्ली की सड़को और बाजारों मे हलचल देखने की। इतिहास देखने के बाद मैं चांदनी चौक पहुँचा, जहाँ की भीड़, दुकानें और स्ट्रीट फूड का स्वाद किसी स्वर्ग से कम नहीं था। यहाँ के परांठे वाली गली में गरमा-गरम परांठे खाए और फिर करीम्स में स्वादिष्ट मुगलई खाना खाकर दिल खुश हो गया।
इसके बाद दिल्ली के मॉडर्न बाजारों की सैर की—कनॉट प्लेस की चमकदार गलियाँ, सरोजिनी नगर की सस्ती शॉपिंग, और साकेत मॉल का हाई-फाई माहौल, सबकुछ अनोखा था।
दिल्ली मेट्रो – शहर की धड़कन
दिल्ली घूमने का सबसे अच्छा तरीका मेट्रो है। साफ-सुथरी और तेज़ गति से दौड़ती यह मेट्रो दिल्ली की जान है। राजीव चौक स्टेशन की भीड़ देखकर समझ आ गया कि यह शहर सच में कभी नहीं रुकता।
रात का नज़ारा – राष्ट्रपति भवन और अक्षरधाम मंदिर
शाम होते ही राष्ट्रपति भवन और संसद भवन के पास की लाइटिंग ने दिल्ली की भव्यता को और बढ़ा दिया। फिर मैंने अक्षरधाम मंदिर का रुख किया, जहाँ की रौशनी और संगीत-प्रदर्शन देखकर मन को अद्भुत शांति मिली।
दिल्ली से मिली सीख
दिल्ली सिर्फ़ एक शहर नहीं, यह एक यात्रा, एक इतिहास और एक तेज़ रफ़्तार ज़िंदगी है। यहाँ की हर गली, हर इमारत और हर इंसान अपने अंदर एक अनकही कहानी समेटे हुए है।
प्रिय दिल्ली, तुम्हारी हर यात्रा एक नया अनुभव देती है। अगली बार फिर आऊँगा, तुम्हारी नई कहानियों को सुनने और महसूस करने के लिए।
"दिल्ली दिल वालों की ही नहीं, इतिहास और आधुनिकता का भी संगम है!"
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