समीर एक छोटे से शहर का लड़का था, जो दिल्ली में अपनी जॉब की तलाश में आया था। उसके पास कुछ खास नहीं था, बस एक सपना था – बेहतर जिंदगी, अच्छी नौकरी, और एक दिन प्यार। वह हर दिन नये-नये जॉब इंटरव्यूज़ के लिए दौड़ता रहता था, लेकिन दिल में एक खालीपन सा महसूस होता था। हर सुबह उठकर वह एक ही सवाल खुद से करता था, "क्या यह नौकरी मुझे खुश कर पाएगी?"
वह कॉलेज के दिनों से ही अपने जीवन में किसी को खास चाहता था, लेकिन कभी मौका नहीं मिला था। दिल्ली आकर उसने सोचा था कि शायद यहाँ उसे कुछ नया मिलेगा। लेकिन जब तक वह जॉब की तलाश में था, प्यार के बारे में सोचना भी मुश्किल था। एक दिन एक कैफे में उसे एक लड़की दिखाई दी, जो उसके जैसे ही थक कर बैठी थी। दोनों की नजरें मिलीं, और जैसे ही वह पास बैठा, लड़की ने हल्की मुस्कान दी। उसकी मुस्कान में कुछ ऐसा था, जो समीर के दिल को छू गया।
उसने नाम पूछा, "तुम्हारा नाम क्या है?"
लड़की ने जवाब दिया, "राधा। और तुम?"
"समीर," वह बोला, "क्या तुम भी जॉब की तलाश में हो?"
"हां," राधा ने कहा, "लेकिन मुझे लगता है कि जॉब से भी ज्यादा जरूरी कुछ और है।"
"क्या?" समीर ने आश्चर्य से पूछा।
"प्यार," राधा मुस्कुराई, "यहां लोग हमेशा काम में खोए रहते हैं, लेकिन मैं मानती हूँ कि काम के अलावा भी जीवन में कुछ और होना चाहिए।"
समीर के मन में एक हलचल सी हुई। क्या वह राधा की बात से सहमत था? उसने सोचा, "क्या काम और प्यार दोनों को एक साथ पाया जा सकता है?"
समीर और राधा का यह छोटा सा मिलन धीरे-धीरे एक मजबूत रिश्ते में बदलने लगा। दोनों साथ में जॉब की तलाश करते और एक-दूसरे को समझते हुए अपने भविष्य के बारे में बातें करते। समय बीतता गया और समीर को एक अच्छे कंपनी में जॉब मिल गई, लेकिन वह अब जानता था कि उसकी असली खुशी केवल पैसे और करियर में नहीं, बल्कि प्यार और रिश्तों में है।
वह समझ गया कि प्यार और जॉब दोनों की तलाश अलग-अलग हो सकती है, लेकिन जब दोनों साथ चलते हैं, तो जीवन सच में पूरा होता है।