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डायरी प्रविष्टि – "ममेरे भाई का 18वाँ जन्मदिन"

📅 तारीख: 22 मई 2025
🕒 समय: रात 11:30 बजे

प्रिय डायरी,

आज का दिन ख़ास था, बहुत ख़ास। मेरा ममेरा भाई 18 साल का हो गया!
यानी अब वो कानूनी रूप से ‘बालिग़’ हो गया, लेकिन मेरे लिए अभी भी वही नटखट,
मासूम और शरारती बच्चा है जो कभी मेरी शर्ट पकड़कर पीछे-पीछे भागता था।

सुबह से ही पूरे घर में एक अलग ही हलचल थी।
एक तरफ उसकी बर्थडे पार्टी की तैयारियाँ,
तो दूसरी तरफ उसकी "अब मैं बड़ा हो गया हूँ" वाली अकड़!
सच कहूँ तो इस बदलाव को देखकर हँसी भी आ रही थी और गर्व भी हो रहा था।


यादों का पिटारा – बचपन से अब तक का सफ़र

मुझे याद है, जब पहली बार मैंने उसे गोद में उठाया था,
छोटे-छोटे हाथ, नन्हें-नन्हें पाँव और दुनिया से बेपरवाह आँखें।
और आज वो मुझसे लंबा हो गया है,
मुझसे ज्यादा बोलने लगा है, और कभी-कभी बहस भी करने लगा है!

कभी वो मेरा छोटा भाई था, जो मुझसे सवाल पूछता था,
अब वही मुझे ज़िंदगी के नए ट्रेंड्स समझाने लगा है।
कभी मैं उसे साइकिल चलाना सिखा रहा था,
और अब वो मुझे नई बाइक के फीचर्स गिनवा रहा है।

समय कितनी जल्दी निकल जाता है, न?
कल तक जो बच्चा था, आज खुद को बड़ा समझने लगा है!


18 साल का होना – बदलाव की दहलीज़ पर खड़ा भाई

आज पूरा दिन उसकी एक ही लाइन थी –
"भैया, अब मैं 18 का हो गया, अब तो मेरी इज्ज़त किया करो!"

और मैं सोच रहा था कि सच में, 18 का होना कितना बड़ा एहसास होता है।

  • अब वो खुद के फैसले खुद ले सकता है।
  • अब उसे किसी चीज़ के लिए गार्जियन की जरूरत नहीं।
  • अब वो लाइसेंस के लिए अप्लाई कर सकता है।
  • अब वो वोट दे सकता है।

लेकिन मेरे लिए, वो अब भी वही है—
वो जो आधी रात को डरकर मेरे पास आ जाता था,
वो जो मेरे साथ बैठकर घंटों कार्टून देखता था,
वो जो मेरे बिना खाना नहीं खाता था।

समय बदला, वो बदला, लेकिन हमारी यादें अब भी वैसी ही हैं।


बर्थडे पार्टी – दोस्त, मस्ती और बवाल

शाम को पार्टी शुरू हुई।

गुब्बारे, लाइट्स, म्यूजिक, और ढेर सारे दोस्त!
घर पूरा जगमगा रहा था, और भाई खुद को किसी फिल्म स्टार से कम नहीं समझ रहा था।

जैसे ही केक काटने का टाइम आया,
सबने पूरे जोश में "हैप्पी बर्थडे टू यू" गाना शुरू कर दिया।

और फिर आया बेस्ट पार्ट – केक फ़ाइट!

भाई बेचारा अच्छे से केक काट रहा था,
और हमने उसके चेहरे पर पूरा केक मल दिया!

उसकी हालत देखकर सब हँस-हँसकर लोटपोट हो गए।
पर उसने भी बदला लिया और मैं भी केक से सराबोर हो गया।

यही तो बर्थडे की असली मस्ती होती है!


गिफ्ट – 18 साल का बेस्ट तोहफा

गिफ्ट्स खोलने का वक़्त आया, और भाई की आँखें चमक उठीं।
हर गिफ्ट खोलते ही वो एक नया एक्सप्रेशन दे रहा था—

  • कुछ देखकर चौंक जाता,
  • कुछ देखकर नाचने लगता,
  • और कुछ देखकर मुँह बना लेता!

लेकिन जब मैंने उसे अपना गिफ्ट दिया,
तो उसके चेहरे पर जो खुशी थी, वो मुझे हमेशा याद रहेगी।

एक घड़ी।

"भैया, ये तो बहुत क्लासी है!" उसने कहा।

मैंने उसे देखते हुए कहा,
"अब तू 18 साल का हो गया है, ये घड़ी सिर्फ टाइम दिखाने के लिए नहीं, बल्कि तुझे याद दिलाने के लिए है कि अब तेरा हर पल कीमती है। अब तुझे खुद अपनी ज़िंदगी के फैसले लेने हैं।"

उसने मुस्कुराकर घड़ी पहन ली, और मुझे लगा कि अब सच में वो बड़ा हो रहा है।


रात के सन्नाटे में एक नई शुरुआत

अब सब सो चुके हैं, लेकिन मैं अब भी डायरी लिख रहा हूँ।

आज महसूस हुआ कि भाई सिर्फ उम्र में बड़ा नहीं हुआ,
बल्कि ज़िंदगी के एक नए मोड़ पर पहुँच गया है।
अब वो बचपन और जवानी के बीच की उस कशमकश में है,
जहाँ उसे खुद को समझना है, खुद को साबित करना है।

मैंने खुद से एक वादा किया—
"चाहे वो 18 का हो जाए या 28 का, मैं हमेशा उसके साथ खड़ा रहूँगा।"

आज से उसकी ज़िंदगी का एक नया अध्याय शुरू हो रहा है,
और मैं इस सफ़र का गवाह बनने के लिए तैयार हूँ।

- [कुंदन]

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