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गाँव की सुंदरता, सरलता और महत्व को दर्शाते हुए कुछ दोहे अर्थ सहित प्रस्तुत हैं:

 


1. गाँव की शांति

"हरियाली की गोद में, बसा सजीला गाँव,
साँसों में बसती रहे, मिट्टी की यह छाँव।"
→ गाँव की हरियाली और प्राकृतिक सौंदर्य इसे अनोखा बनाते हैं। इसकी मिट्टी की खुशबू हमेशा दिल में बसी रहती है।


2. गाँव की सरलता

"चौपालों की छाँव में, मिलती सच्ची बात,
शहरों जैसी होड़ नहीं, प्रेम भरी सौगात।"
→ गाँव की चौपालों में बैठकर लोग सच्चे दिल से बातें करते हैं, यहाँ शहरों जैसी प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि स्नेह मिलता है।


3. गाँव का अपनापन

"गाँव की गलियाँ बोलती, प्रेम भरी हर बात,
माटी जैसी शुद्धता, रिश्ते रहे सौगात।"
→ गाँव में रिश्तों में मिठास और अपनापन होता है, यहाँ के लोग मिट्टी की तरह सरल और सच्चे होते हैं।


4. गाँव की सादगी

"चूल्हे की वह रोटियाँ, आम तले विश्राम,
शहरों में यह मिल सके, संभव नहीं यह राम।"
→ गाँव में चूल्हे की बनी रोटियों और आम के पेड़ की छाँव में विश्राम करने का आनंद शहरों में नहीं मिल सकता।


5. गाँव की आत्मनिर्भरता

"खेतों में सोना उगे, गौशाला में गान,
मेहनत से जो जी रहे, सच्चा हिंदुस्तान।"
→ गाँव में मेहनत से खेती होती है, पशुपालन किया जाता है, और यही असली भारत की पहचान है।


6. गाँव और प्रकृति

"नदी किनारे पीपल लगे, बगिया में खुशबू,
शहरों की इस भीड़ में, गाँव लगे जादू।"
→ गाँव की प्राकृतिक सुंदरता और शुद्ध वातावरण शहरों की भीड़-भाड़ से कहीं ज्यादा आनंददायक लगता है।


7. गाँव की आत्मीयता

"साँझ ढले जब गाँव में, लौटें सब घर-बार,
हँसी-ठिठोली से भरे, रिश्तों के उपहार।"
→ गाँव में जब शाम होती है, तो लोग अपने घर लौटते हैं, और रिश्तों में अपनापन और हंसी-खुशी का माहौल रहता है।


8. गाँव का महत्व

"शहर बसे ऊँची अटारी, पर ना चैन वहाँ,
गाँव की मिट्टी में बसें, सुख-शांति जहाँ।"
→ शहरों में ऊँची-ऊँची इमारतें हैं, लेकिन सुकून नहीं, जबकि गाँव की मिट्टी में असली शांति और सुख बसते हैं।


9. गाँव और त्योहार

"फागुन में होली जले, दिवाली दीप जलाय,
गाँव की खुशबू लिये, हर ऋतु गीत सुनाय।"
→ गाँव में हर त्योहार पूरी परंपरा और उमंग के साथ मनाया जाता है, जो एक अलग ही आनंद देता है।


10. गाँव का बचपन

"नंगे पाँव गलियों में, खेले थे जो खेल,
गाँव की यादें छोड़कर, मन क्यों हुआ झमेल?"
→ बचपन में गाँव की गलियों में खेलकर जो खुशियाँ मिलीं, वे शहरों की दौड़-भाग में खो गईं।


गाँव की खूबसूरती और उसके महत्व को दर्शाने वाले ये दोहे गाँव से जुड़े लोगों की भावनाओं को छूते हैं। 

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