डा. राजेन्द्र प्रसाद के प्रमुख कार्यों एवं उपलब्धियों को बताइए।
परिचयः
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर, 1884 को बिहार के सिवान जिले के जीरादेई में हुआ था। इनके पिता महादेव देसाई थे। वर्ष 1915 में कलकत्ता विश्वविद्यालय के विधि विभाग से मास्टर की डिग्री प्राप्त कर वर्ष 1916 में पटना उच्च न्यायालय में अपना कानूनी कैरियर शुरू किया।
मुख्य भाग
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के प्रमुख कार्य
1. गांधी जी से प्रभावित होकर जाति एवं अस्पृश्यता संबंधी विचार प्रस्तुत किए।
2. वर्ष 1918 के रॉलेट एक्ट और वर्ष 1919 के जालियाँवाला बाग हत्याकांड में योगदान
3. असहयोग आंदोलन के समय बिहार में भी असहयोग का आह्वान किया।
4. अपनी कानूनी प्रैक्टिस छोड़कर वर्ष 1921 में पटना में एक नेशनल कॉलेज शुरू किया।
5. नमक बनाते समय स्वयं सेवकों के गिरफ्तारी पर उनका साथ दिए।
6. 1946 में पंडित नेहरू की अंतरिम सरकार में खाद्य एवं कृषि मंत्री के रूप में शामिल हुए एवं "अधिक अन्न उगाओ" का नारा दिए।
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के उपलब्धियाँ
1. वे आधिकारिक तौर पर वर्ष 1911 में कलकत्ता में आयोजित वार्षिक सत्र में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए।
2. अक्टूबर, 1934 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बॉम्बे अधिवेशन की अध्यक्षता की।
3. 1946 में जब भारत के संविधान को बनाने के लिए संविधान सभा की स्थापना की गई, तो उन्हें इसका अध्यक्ष चुना गया।
4. इनकी अध्यक्षता में शामिल समितियाँ
- राष्ट्रीय ध्वज तदर्थ समिति
- प्रक्रिया नियम समिति
- वित्त और कर्मचारी समिति
- संचालन समिति/आदि
निष्कर्षः
उपरोक्त तथ्यों के विश्लेषण के आधार पर निष्कर्षतः यह कहा जा सकता है कि आजादी के ढाई साल बाद 26 जनवरी, 1950 को स्वतंत्र भारत के संविधान की पुष्टि हुई और उन्हें भारत का पहला राष्ट्रपति चुना गया। 1962 में, राष्ट्रपति के रूप में 12 वर्ष के बाद, सेवानिवृत हुए, और बाद में उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
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