कम शब्दों में ज़िंदगी को लिखना आता है हमें,
अपनी कविताओं में तुमको समेटना आता है हमें ,
माना कि ख़ुद की उलझनों में उलझे हुए हो तुम ,
कह दो एक बार सब कुछ, सुलझाना आता है हमें ,
हर रोज़ बदलते हो जाने कितने नये नये रंगों में ,
अपनी मोहब्बत के रंग में तुम्हें रंगना आता है हमें ,
खो जाते हो कभी कभी दुनिया की इस भीड़ में ,
जानते हो तुम, हाथ थाम कर चलना आता है हमें ,
चलते चलते जो किसी मोड़ पर थक जाओ तुम,
बाँहों में अपनी भर, गले से लगाना आता है हमें ।