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"संग चले थे उम्रभर, राहें बदल गईं,
दिल की बस्ती जल गई, यादें मगर रहीं।"
→ हम उम्रभर साथ चलने का वादा कर चुके थे, लेकिन हालात बदल गए। प्यार की दुनिया बिखर गई, लेकिन उसकी यादें अब भी ज़िंदा हैं। -
"मिलन की चाहत थी, तक़दीर रूठ गई,
सजने से पहले ही, मूरत टूट गई।"
→ हम मिलने की चाहत रखते थे, लेकिन तक़दीर ने साथ नहीं दिया। प्यार अभी पूरी तरह परिभाषित भी नहीं हुआ था कि टूट गया। -
"चाहा था संग चलें, तक़दीर ने रोका,
दिल के दरकते दर्द को, कोई न परखा।"
→ हमने साथ चलने की ख्वाहिश की थी, मगर तक़दीर ने हमें अलग कर दिया। हमारा दर्द किसी ने नहीं समझा। -
"आधी अधूरी प्रीत में, दर्द बसा कहीं,
सांसें तो चल रही, पर जान बसी नहीं।"
→ अधूरे प्यार की टीस दिल के किसी कोने में बसी रहती है। जीवन चल रहा है, लेकिन उसमें पहले जैसी खुशी नहीं है। -
"मिलकर भी मिल न सके, ऐसी रही रीत,
पास रहूं या दूर मैं, मन में वही प्रीत।"
→ हम पास होकर भी एक न हो सके, यही प्रेम की विडंबना है। चाहे हम कहीं भी हों, मन में वही प्रेम बना रहता है। -
"ख़त लिखे सौ बार पर, जवाब इक न आया,
प्रीत की राहों में क्यों, दर्द ही बस पाया?"
→ मैंने कई बार संदेश भेजे, मगर कोई उत्तर नहीं मिला। प्यार की राह में क्यों सिर्फ़ दर्द ही नसीब हुआ? -
"वादा किया था साथ का, निभा न पाए तुम,
बिन बोले इस दर्द को, कह न पाए हम।"
→ तुमने साथ निभाने का वादा किया था, लेकिन उसे पूरा नहीं किया। मैं इस दर्द को चाहकर भी शब्दों में नहीं कह सका। -
"दिल में था जो नाम तेरा, धड़कन भी वो थी,
तू न मिला पर याद तेरी, अब भी वही थी।"
→ मेरा दिल हमेशा तुम्हारे नाम से धड़कता था। तुम नहीं मिले, पर तुम्हारी यादें अब भी वैसी ही बनी हुई हैं। -
"फूल खिला था प्रीत का, तोड़ा गया वही,
बाग उजड़ गया मगर, खुशबू रही वही।"
→ प्यार का एक खूबसूरत फूल खिला था, लेकिन उसे तोड़ दिया गया। प्यार का बाग उजड़ गया, लेकिन उसकी खुशबू अभी भी महसूस होती है। -
"छू भी न पाए हम तुझे, फिर भी तेरा नाम,
धड़क रहा है दिल में बस, इक टूटा सा जाम।"
→ मैं तुम्हें छू भी नहीं पाया, मगर तुम्हारा नाम दिल में हमेशा बसा रहा। यह दिल टूटे हुए जाम की तरह रह गया। -
"सावन बरसा याद बन, आंखें हुईं नम,
बिन बोले तेरा ग़म, कह न सके हम।"
→ बरसात की बूंदों में तेरी यादें आ गईं, जिससे मेरी आंखें नम हो गईं। यह ग़म मैं चाहकर भी किसी से कह नहीं सका। -
"नींद नहीं, चैन नहीं, दिल भी हुआ उदास,
प्यार अधूरा रह गया, टूट गया विश्वास।"
→ अधूरे प्यार ने मुझे बेचैन कर दिया, अब ना चैन है, ना सुकून। इस प्यार के अधूरे रह जाने से मेरा विश्वास भी टूट गया। -
"संग था तेरा नाम पर, संग न आया तू,
रंग भरे थे प्यार में, दर्द ही लाया तू।"
→ मेरे हर पल में तेरा नाम था, लेकिन तू मेरे साथ नहीं था। मैंने इस प्यार को खूबसूरत सोचा था, लेकिन यह दर्द ही दे गया। -
"इश्क़ अधूरा छूट गया, मन से मगर नहीं,
धड़कन की हर ताल में, तेरा असर वही।"
→ हमारा प्यार अधूरा रह गया, लेकिन दिल से मिटा नहीं। मेरी हर धड़कन में अब भी तेरा वही असर है। -
"तू ही था अरमान मेरा, फिर भी दूर रहा,
टूट गई सब आस पर, दिल मजबूर रहा।"
→ तू मेरी सबसे बड़ी चाहत थी, फिर भी तुझे पा नहीं सका। मेरी सारी उम्मीदें टूट गईं, लेकिन मेरा दिल अब भी तुझे चाहता है।
ये दोहे अधूरे प्रेम की भावनाओं को विभिन्न रूपों में दर्शाते हैं। इनमें विरह, वेदना, अधूरी चाहत और प्रेम की गहराई को महसूस किया जा सकता है।