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पैसा

 
है ये कैसा पैसा
क्या कहें की क्या है पैसा
बिन इसके कुछ नहीं रहता
समझो तो सबकुछ
नहीं तो कुछ भी नहीं इसके जैसा
है ये कैसा पैसा।
रिश्ते बनाता कभी
कभी तोड़ता पैसा
दिलों के फासलों को भी कम करता कभी
तो कभी बढ़ाता पैसा
किसी को अर्श तो किसी को फर्श
देता पैसा ।
सारे रिश्ते नातों का पतवार यह पैसा।
यह मां बाप भाई लुगाई भी है।
कभी तारीफ़ तो कभी जग हंसाई भी है।
बनते बिगड़ते हालात तो हर जज़्बात में पैसा।
बड़ा अजीब है ये पैसा।
है यह कैसा पैसा।
प्यार सम्मान मान मर्यादा
रिश्तों से कहीं आज़
है यह बहुत ज्यादा।
कईं देश विदेश कईं राजा नरेश
पैसों के चलते हो गए कितने क्लेश
पूर इतिहास ही पैसे पर वर्तमान भविष्य
ही पैसे पर ।
है कितना बड़ा अभिमानी यह पैसा
बिन इसके रहा ना जाए
वियोग इसका सहा ना जाए
कभी आदमी तो कभी जानवर है
यह पैसा।
बड़ा अजीब है यह पैसा।
क्या कहें की क्या चीज़ है पैसा।
है यह कैसा पैसा।
जिसमे मिला दो हो जाए उस रंग पैसा।
बड़ा अजीब है यह पैसा।
हरदिल अजीज है ये पैसा।
हाय ये कैसा पैसा।
हाय ये कैसा पैसा।

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