सौ फीसदी सच
सौ फीसदी सच । तुम्हारी क़सम।
पर सच तो सच होता है! छब्बीस या चौहत्तर फ़ीसदी क्या होता है ? और ये तुम प्रतिशत में क्यों बात करते हो ?
क्या हमारा प्यार सौ फीसदी नहीं है ?
पर जब से सच में विनिवेश की सीमा बढ़ाई गई है, मेरा प्यार मेरा नहीं रहा।
क्या ?
हाँ। हम सब विनिवेशित हो चुके हैं।
सत्य अगर सौ फीसदी नहीं है तो वह सत्य नहीं है। सत्य और प्यार सिर्फ़ तुम्हारे लिए नहीं है। सीमा और प्रगति के लिए भी है।
सुनो।
कहो ।
तुम पागल हो गए हो। तुम फ़ेसबुक बन्द कर दो। हम बिना विनिवेश के ख्वाब देख लेंगे।
लेकिन मैं तो जीने की बात कर रहा था....