1. जो दिल की सारी गांठें है खोल दो,
हम चुप है लो चलो तुम कुछ बोल दो..।
2. बहुत उदास है मन का मधुवन,
टूटा सा हर ख्वाब वही है,
सिमटी सी यादों की दरिया,
झुलसी सी हर चाह वही है...
क्या खोया, क्या पाया हमने,
डंसती सी सौगात वही है,
कानों में पायल की रुनझुन,
फिर देती, आवाज वही है...
अब भी उस वादी में पलभर,
ठहरा सा एहसास वही है,
वो आयेंगे हमको मिलने,
ना जाने क्यों आश वही है...
भोर वही है, साँझ वही है,
साँसों का अरमान वही है,
खोया खोया, बैठा, गुमसुम,
राहे तकते हम गुमनाम वही है...
3. गज़ब का जलवा है
सर उठा के देख ज़रा....
भीड़ जो लगी है सरे बाज़ार.....
सब तेरी जुल्फों से घायल नज़र आते हैं हमें...!!
4. तुम्हें देखने के बाद
कुछ इस तरह बेबस
मेरे ख़्याल हो गए...
कि तुमसे अलग
कुछ सोचना भी चाहूं
तो सोचा नहीं जाता...!!
कुछ इस तरह बेबस
मेरे ख़्याल हो गए...
कि तुमसे अलग
कुछ सोचना भी चाहूं
तो सोचा नहीं जाता...!!
5. गमों को छोड़कर हयात में बचा क्या है,
ज़िक्र तेरा छोड़ मेरी बात में बचा क्या है...
6. हमने खुद को मिटा दिया तेरी मोहब्बत में,
और खोने को मेरे पास में बचा क्या है...
ज़िक्र तेरा छोड़ मेरी बात में बचा क्या है...
6. हमने खुद को मिटा दिया तेरी मोहब्बत में,
और खोने को मेरे पास में बचा क्या है...
7. हजारों ख्वाब टूटते है,
तब कहीं एक सुबह होती है..
तब कहीं एक सुबह होती है..
8. तेरी आहट से
बढ़ जाती हैं
धड़कनें मेरे दिल की...
इसे अगर इश्क़ न कहें...
जो ज़्यादती होगी...!!
बढ़ जाती हैं
धड़कनें मेरे दिल की...
इसे अगर इश्क़ न कहें...
जो ज़्यादती होगी...!!
9. छनकती पायलों का कसूर कम नहीं हैं,
पर इश्क में जान देने का दस्तूर अब नहीं हैं...
पर इश्क में जान देने का दस्तूर अब नहीं हैं...
10. तेरी चाहतों का असर है कि,
अभी भी मैं जिंदा हूं,
वरना तेरे बगैर मतलबी,
दुनिया में रखा क्या है...
तू मेरी रूह में मस्त समाई है,
इस कदर जानिब,
तेरे रूह के बगैर मेरी रूह में,
अब रखा क्या है...
अभी भी मैं जिंदा हूं,
वरना तेरे बगैर मतलबी,
दुनिया में रखा क्या है...
तू मेरी रूह में मस्त समाई है,
इस कदर जानिब,
तेरे रूह के बगैर मेरी रूह में,
अब रखा क्या है...
11. आज दिल फ़िर उदास है,
लगे जैसे वो आस पास है,
जानते हैं वो न आएँगे कभी,
यार फ़िर क्यूँ ये झूठी आस है...
लगे जैसे वो आस पास है,
जानते हैं वो न आएँगे कभी,
यार फ़िर क्यूँ ये झूठी आस है...