खुशियाँ और गम साथ लाता है।
किसी को नयी ज़िंदगी देता है,
तो किसी-किसी का आशियाना तक उजाड़ देता है।
किसी के लिये ये शमा खुशी की बरसात है,
तो किसी के लिये ये गम की सौग़ात है।
बरसात जब भी आता है...
कुछ नयी,
तो कुछ पुरानी यादें साथ लाता है।
कुछ पल हँसाते हैं,
तो कुछ पल बड़ा रूलाते हैं।
ख़ैर दिल से दुआ है..
बरसात का ये मंज़र ऐसे ही बना रहे,
और दिल के झरोखों से यादों का सफ़र बस यूँ ही चलता रहे।
बरसात जब भी आता है...
बडी़ बेदर्द होती है बे-वक़्त की बारिश, अमीर पकौड़े खाने की सोच रहे हैं और किसान ज़हर।