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एक कदम सपनों की ओर


इतनी ठंड है।

कौन सुबह उठेगा?
अबे पागल है क्या?
कौन शरीर को कष्ट देगा?
बेवकूफ ही होगा जो इतनी ठंड में मेहनत करेगा।
सपने देखेगा।
अबे आत्मा भी काँप जाती है इतनी ठंड में।
ये सपने वपने बाद में देख लेंगे।
अभी बिस्तर में घुसने दे।
सोने दे।
इतनी ठंड में कुछ करने वाला पागल ही होगा।
अबे घोंचू
       ये ठंड में बिस्तर में घुस कर अपना शरीर तो गर्म कर सकता है। लेकिन! अंदर से जो खून ठंडा पड़ गया है उसको क्या?
अभी ठंड है फिर गर्मी आएगी, बरसात आएगी फिर ठंड आएगी लेकिन, ये जो वक्त है ना दोबारा नहीं आएगा।
तू सोता रह गया ना ।
तो तेरा देखा हुआ सपना कोई और पूरा कर जाएगा।
कोई और तेरा पसंद की गाड़ी में घूम रहा होगा।
कोई और तेरे ड्रीम लाइफ जी रहा होगा।
एक सपना बोया है
तुझे मौका दिया है
इतिहास रचने का
कुछ और भी लोग होंगे जिसके अंदर सपना पल रहा होगा यह वक्त किसी हीरो का इंतजार नहीं करता ये सपने की ओर कदम बढ़ाने वाले पागल को उठाता है और हीरो बनाता है।
वह पागल जिसको घंटा फर्क नहीं पड़ता ठंडा से। सिर्फ अपने ऊपर काम करते करते हैं। बाहर बर्फ पड़ रही होती है लेकिन अंदर ज्वालामुखी फूट रही होती है, सांस से अंगार बरस रहे होते हैं, आंखों में सूरज से भी अधिक तेज होता है उसका।
वह किसी को बहाना नहीं सुनता।
वे हालातों पर रोते नहीं बल्कि बार बार गिरकर भी फिर उठते हैं और अगला कदम और जो से बढ़ाते हैं।
अबे लूजर (Loser) हो क्या?
जो गिरने से पहले ही गिरने के डर से चल नहीं रहा। आज तुझे ठंड रोक रही है, कल कुछ और रोकेगा।
अबे जिंदगी ऐसे ही कट जाएगी फिर फालतू लोगों की तरह तुम भी बैठे रहना कहीं पर और रोते रहना।
अरे ठंड है तो भर भर के कपड़े पहन।
पर उठाना!
अरे नहीं नहाना तो मत नहा, नहीं मुंह धोना मत तो मत धो, पर जो तेरा सपना है, जिंदगी का लक्ष्य है, उसके लिए बर्फ में डुबकी लगाने पड़े तो लगा। ठंड की बात करता है। एक बार शरीर से पसीना बहाने तक मेहनत तो कर, उस पसीने की आगे बड़े बड़े पहाड़ भी नतमस्तक हो जाती है।
उठ!
जान लगा,
जब सब कमल में घुसे हो तो तू अपने जुनून में घुस, जब सब नींद में सपने देख रहे हो तो तू अपना सपना पूरा कर।
याद रख तू एक पागल है और जब एक पागल अपने पागलपन पर उतर आता है तो प्राकृतिक भी झुक जाती है उसके कदमों पर। बिस्तर छोड़ और जिद पकड़ आज नहीं तो कल कल नहीं तो परसों जीतने तरीके होंगे उतने तरीके अपनाऊंगा। जितने बार गिरूंगा उतनी बार उठेगा।  देखता हूं, कब तक फेल होता हूं, देखता हूं, कब तक आजमाया जाता हूं। मेरा सपना मैं पूरा करूंगा, "ठंड मौसम में है! मेरे खून में नहीं, मेरे हौसले में नहीं, मेरे इरादों में नहीं, नहीं मेरे जुनून में है"। जला लो अपनी सीने में कुछ कर गुजरने की आग। बनाओ अपनी सांसों को अंगारों का तूफान।  कुचल दो हर मुसीबत को और झुका दो आसमान! आज और अभी, चाहे जो वक्त है, चाहे जो दिन है, उठो अपना सपना एक कागज में लिखो। ये जो आग सीने में लगी है ना अभी उसे वादा करके और अपना सपना पूरी एनर्जी के साथ, पूरी जीद के साथ इस कागज पर लिखो और बोलो कि मैं इसे पूरा करूंगा।
मैं इसे पूरा करें के रहूंगा। नीचे कमेंट बॉक्स में भी अपना सपना लिखो। मैं तुम्हारे साथ हूं। ये जो मेरे लेखनी से निकल रही है। लेकिन! ये तुम्हारे दिल की आवाज है। तो उठ, बिस्तर छोड़ और जिद पकड़, अंगार है तू, ये ठंड खुद उबलने लगेगी तुझे छूकर। क्योंकि हर सांस में तेरे वह दम है। जो पूरी दुनिया को हिला सकता है। अरे महान है तू, सर्वशक्तिशाली है तू, अपने आप पर विश्वास रख, अपने आपको पहचान चल, अपने सपनेकी तरफ़ और बना अपने नाम को महान। चल अपने सपने की तरफ और बना अपने नाम को महान। दोबारा मत बोलना ठंड है।सो जाता हूं   और हां होने वाले Successful इंसान को मेरा प्रणाम। मुझे तू Successful चाहिए।


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