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Love Letter

मेरी प्रिय जानू,
                  आशा करता हूँ तुम अपनी शादी शुदा जिंदगी का बहुत अच्छे से आंनद ले रही होगी। मैं भी अपने काम धंधे में बहुत व्यस्त रहने के कोशिस करने लगा हूँ। क्या करूँ यदि व्यस्त नहीं रहूँगा तो तुम्हारी याद मुझे हमेशा सताती रहेगी और जब जब तुम्हारी याद आएगी आंखों से आँसू बहने लगेंगे और यदि आँसु बहेंगे तो तुम्हारे आँखों में भी आँसु आ ही जायेंगे। हम भले अब एक साथ नहीं, बात भी नहीं करते पर हमारे बीच जो प्रेम पहले था वो अब भी है। हाँ ये अलग बात है कि हम ये बात अब जताते नहीं हैं। तुमने कहा था एक बार ये प्रेम जन्म जन्म का प्रेम है जो कभी खत्म नहीं होगा। ऐसा नहीं है कि मुझे तुम्हारी याद नहीं आती, पर क्या करूँ उन यादों का जो तुम्हारे जाने के बाद मुझे बहुत सताती है। आंखों में हमेशा एक नमी सी रहती है। तुम मेरी जिंदगी में उस वक्त आयी जब तुम किसी और की होने वाली थी। मुझे तो कोई हक भी नहीं था तुम्हें अपना बनाने का। पर तुम खुद मेरी होती चली गयी। चंद मुलाकातों और बातों में ही मैं कब तुम्हारा और तुम मेरी हो गयी ये पता भी नहीं चला। ये जानते हुए भी कि तुम किसी और की अमानत हो , मैंने अपने प्रेम का इजहार कर दिया तुम्हारे सामने और तुमने उसे ऐसे स्वीकार कर लिया जैसे कब से इस बात के इन्तजार में बैठी थी। तुम्हारे दुखों और आंसुओं ने मुझे तुम्हारे करीब लाया और इतना करीब लाया कि मैं कल्पना भी नहीं कर सकता। हमनें अच्छे पलों को खूब जिया, साथ हँसे साथ रोएं।जुदा होने के तारीख को जानते हुए भी हमनें एकदूसरे को खूब प्यार किया। जुदा होने की तारीख हमारे लिए ऐसे थी जैसे किसी असाध्य रोग से पीड़ित व्यक्ति को उसके मरने की तारीख मालूम हो और वो बचे हुए समय को अच्छे से जी लेना चाहता हो। जैसे जैसे ये तारीख नजदीक आती जा रही थी मैं पल पल मर रहा था। तुम एक नई दुनिया नई जिंदगी जीने की तैयारियों में लगी थी और मैं बचे हुए साँसे गिन रहा था। तुमनें मुझे बहुत खुशियाँ दी है पर तुम्हारी जुदाई ने बहुत गम भी दिए हैं । इस पत्र को लिखते हुए मेरी आँखों में अब भी आँसु है और ये कब छलक कर नीचे गिर जाएं कह नहीं सकता। तुम्हारा मैं दूसरा प्यार था क्योंकि मेरी जिंदगी में तुम तब आयी थी जब अपने पहले प्यार को दूसरे से शादी ठीक हो गया था । पता नहीं जब कोई किसी के प्यार में होते हुए भी किसी और से कैसे प्यार कर लेता है, पर तुमने मुझे प्यार करने में कोई कमी नहीं छोड़ी थी। तुमने मुझे वो सब दिया जो एक प्रेमी अपने प्रेमिका से चाहता है। मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं है। पर भगवान से एक शिकायत जरूर है कि उसने मुझे तुम्हारा पहला प्यार क्यों नहीं बनाया ?
           खैर अब इन शिकायतों के करने से क्या फायदा, जब तुम मेरी ना रही। मैं तुम्हें अब भी बहुत प्रेम करता हूँ, शायद तुम भी करती होगी या हो सकता है अपने मम्मी पापा के पसन्द का पति के रूप में पाकर मुझे भूल गयी हो, सारा प्यार खत्म हो गया हो। और अगर हो भी गया होगा तो अच्छा ही हुआ क्योंकि पति के रहते किसी और से प्रेम करना कोई अच्छी बात नहीं। पर मेरे दिल में तूम अब भी रहती हो और शायद मरते दम तक रहोगी। वो चंद पल जो हमनें साथ बिताएं थे वो मेरे जेहन में हमेशा रहेंगें , मरते दम तक।
          बस मैं ईश्वर से यही कामना करता हूँ कि अगले जन्म में मुझे तुम्हारा पहला और अंतिम प्यार बनाकर भेजे ताकि मैं तुमसे कभी जुदा न हो पाऊँ और हमेशा तुम्हें प्यार करता रहूँ। तब तक इस जन्म में तुम जहाँ भी रहो खुश रहो, हँसती मुस्कुराती रहो। मेरा ये पत्र शायद तुम्हारे पास पहुँचे या ना पहुँचे। पर मेरी दुआएँ और शुभकामनाएं जरूर पहुँच जायेंगी।
तुम्हारा और सिर्फ तुम्हारा
 शैलेन्द्र भारती     

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