कहते हैं कि दोस्त सोच-समझकर, देख- सुनकर बनाने चाहिए। लोग कहते हैं कि इंटरनेट पर अजनबियों से दोस्ती नहीं करनी चाहिए। लोग कहते हैं कि इंटरनेट पर बनाए हुए दोस्तों से असल ज़िन्दगी में मिलने के नुक़सान भी हो सकते हैं, जैसे कि उदाहरण के तौर पर आपकी जान भी जा सकती है।
लोग कुछ हद तक सही भी कहते हैं। मगर लोग हमेशा भूल जाते हैं कि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। लोग भूल जाते हैं कि इस दुनिया के बहुत से रंग हैं। सिर्फ़ काला और सफ़ेद रंग ही नहीं, इस दुनिया का एक रंग स्लेटी भी है। जी, वही जिसे आप अंग्रेज़ी में ग्रे कहते हैं।
मगर फ़र्ज़ करिए कि आप परेशान हों और आपके आस-पास रहने वाला हर इंसान अचानक ही आपसे दूरी बना ले, आपके सारे दोस्त अचानक ही अजनबी बन जाएँ, आप जिस इंसान से बेपनाह, शिद्दत वाली मोहब्बत करते हों, वो आपके बारे में सोचना भी भूल जाए, ऐसे में आप अपने कमरे में कुंडी लगाकर, बत्तियाँ बुझाकर, व्हाट्सएप खोलकर अपने और अपने पुराने दोस्तों के चैट्स पढ़कर आँसू बहा रहे हों और तभी एक मैसेज आपकी स्क्रीन पर पॉप करे, "आर यू ओके, भारती?"
वो एक मैसेज उस वक़्त आपके लिए जानते हैं किसकी तरह होता है? वो एक मैसेज आपके आँसुओं को एक हल्की-सी मुस्कान में बदलने का एक ज़रिया होता है। वो एक मैसेज आपके दिल को पूरी तरह टूट जाने से बचा लेता है। वो एक मैसेज आपको यक़ीन दिलाता है कि शायद इतने बुरे भी नहीं हो आप, जितना पिछले कुछ दिनों में आपने और बाक़ी लोगों ने आपके बारे में सोच डाला है। वो एक मैसेज कभी-कभी आपकी भटकी हुई ज़िन्दगी को ऐसे संभाल लेता है जैसे डूबती हुई किसी नाव को अचानक ही किनारा मिल गया हो।
और फिर आप उस मैसेज का रिप्लाई करते हो, अपने आँसुओं को पोंछकर, टाइप करते हो, "आई डोन्ट रियली नो, चिंकी। आई गेस, आई एम नॉट फाइन।"
आपके उस मैसेज के जवाब में दूसरी ओर से एक घण्टों चलने वाली कॉल आती है और आपकी सारी उलझनों को सुलझा जाती है।
फिर अचानक ही आपके सभी दोस्तों के मैसेज धीरे-धीरे करके आपके चैट बॉक्स में आने लगते हैं। जबलपुर की मीनाक्षी दी के भेजे हुए प्यारे से सुर्ख़ लाल धड़कते हुए दिल से आपके चेहरे पर एक लंबी मुस्कान आ जाती है। भटकल में रहने वाली सहीफ़ा दी आपको अपनी ज़िंदगी के सबसे कड़े संघर्षों का हिस्सा बनाती हैं और आपको वो हौंसला पका कर देती हैं जिसके सहारे आप अपनी खोई हुई ज़िंदगी को पटरी पर लाने की कोशिश कभी ना छोड़ सको। और दिल्ली से, छोटी-सी दिशिता और काव्या आप पर ख़ूब सारा प्यार लुटाती हैं। देहरादून वाले ऋषभ भैया कोई बहुत बुरा चुटकुला सुनाकर आपको हँसाते हैं। दिल्ली से बैठे-बैठे ही पीहू और प्राची दी की भेजी हुई किसी कहानी से आपका दिल ख़ुश हो जाता है। और आप भूल जाते हैं कि थोड़ी देर पहले आपके गाल आँसुओं से भीगे हुए थे।
अक्सर जब आपको ज़िन्दगी में किसी परिपक्व नज़रिए की ज़रूरत होती है तो आप दिल्ली में रहने वाले अभिजीत भैया से बात करते हो और वो चुटकियों में आपकी परेशानियाँ हल कर देते हैं। अमरावती वाले सुयश ब्रो से आप ज़िन्दगी की हर छोटी-बड़ी बात साझा कर सकते हो बिना ये सोचे कि वो आपके बारे में क्या सोचेंगे, क्योंकि आप समझते हो कि उनकी सोच आपके आस-पास रहने वाले हर इंसान से बेहतर ही नहीं, बहुत बेहतर है। पाकिस्तान में रहने वाली अम्बर आपकी ज़िंदगी की आम परेशानियों के बारे में आपके कमरे के बगल में रहने वाली लड़की से ज़्यादा जानती है। क्योंकि शायद वो आपको आपके आस-पास रहने वाले लोगों से बेहतर समझती है।
और अगर ये सब जैसे मेरे साथ होता है वैसे ही आपके साथ हो तो क्या आप मान पाएँगे लोगों की बात? क्या आप मान पाएँगे कि इंटरनेट पर मिलने वाले लोगों से दोस्ती करना ख़तरनाक होता है? क्या आप मान पाएँगे कि दुनिया में सिर्फ़ बुरे लोग ही फ़ेसबुक पर आपका इंतज़ार कर रहे हैं?
और क्या आप मान पाएँगे कि इन सब लोगों से, जिनका मैंने ऊपर नाम लिया, उनसे मैं आज तक अपनी असल जिंदगी में कभी मिला तक नहीं? क्या आप मान पाएँगे कि ये लोग जो आज तक मुझसे मिले भी नहीं, ये लोग ही कभी-कभी मेरी ज़िंदगी का ना टूटने वाला हौंसला बन जाते हैं? और क्या आप समझ पाएँगे कि किस तरह इन्हीं लोगों की बदौलत मुझे ज़िन्दगी में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलता है?
सच कहूँ? कभी-कभी मुझे भी यक़ीन नहीं होता कि मैं इन लोगों से आज तक असल ज़िन्दगी में नहीं मिला। लगता है जैसे जन्मों पुराने कुछ रिश्ते हैं जिन्हें जीते चले जा रहा हूँ। और इसीलिए, इस बार का फ्रेंडशिप डे मैं इन सब लोगों के नाम करता हूँ।
क्योंकि शायद आपने भी तो वो वाला ऐड सुना या देखा ही होगा कि,
एयरटेल सिम का, बोलता है न की "हर एक फ़्रेंड ज़रूरी होता है।"
लोग कुछ हद तक सही भी कहते हैं। मगर लोग हमेशा भूल जाते हैं कि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। लोग भूल जाते हैं कि इस दुनिया के बहुत से रंग हैं। सिर्फ़ काला और सफ़ेद रंग ही नहीं, इस दुनिया का एक रंग स्लेटी भी है। जी, वही जिसे आप अंग्रेज़ी में ग्रे कहते हैं।
मगर फ़र्ज़ करिए कि आप परेशान हों और आपके आस-पास रहने वाला हर इंसान अचानक ही आपसे दूरी बना ले, आपके सारे दोस्त अचानक ही अजनबी बन जाएँ, आप जिस इंसान से बेपनाह, शिद्दत वाली मोहब्बत करते हों, वो आपके बारे में सोचना भी भूल जाए, ऐसे में आप अपने कमरे में कुंडी लगाकर, बत्तियाँ बुझाकर, व्हाट्सएप खोलकर अपने और अपने पुराने दोस्तों के चैट्स पढ़कर आँसू बहा रहे हों और तभी एक मैसेज आपकी स्क्रीन पर पॉप करे, "आर यू ओके, भारती?"
वो एक मैसेज उस वक़्त आपके लिए जानते हैं किसकी तरह होता है? वो एक मैसेज आपके आँसुओं को एक हल्की-सी मुस्कान में बदलने का एक ज़रिया होता है। वो एक मैसेज आपके दिल को पूरी तरह टूट जाने से बचा लेता है। वो एक मैसेज आपको यक़ीन दिलाता है कि शायद इतने बुरे भी नहीं हो आप, जितना पिछले कुछ दिनों में आपने और बाक़ी लोगों ने आपके बारे में सोच डाला है। वो एक मैसेज कभी-कभी आपकी भटकी हुई ज़िन्दगी को ऐसे संभाल लेता है जैसे डूबती हुई किसी नाव को अचानक ही किनारा मिल गया हो।
और फिर आप उस मैसेज का रिप्लाई करते हो, अपने आँसुओं को पोंछकर, टाइप करते हो, "आई डोन्ट रियली नो, चिंकी। आई गेस, आई एम नॉट फाइन।"
आपके उस मैसेज के जवाब में दूसरी ओर से एक घण्टों चलने वाली कॉल आती है और आपकी सारी उलझनों को सुलझा जाती है।
फिर अचानक ही आपके सभी दोस्तों के मैसेज धीरे-धीरे करके आपके चैट बॉक्स में आने लगते हैं। जबलपुर की मीनाक्षी दी के भेजे हुए प्यारे से सुर्ख़ लाल धड़कते हुए दिल से आपके चेहरे पर एक लंबी मुस्कान आ जाती है। भटकल में रहने वाली सहीफ़ा दी आपको अपनी ज़िंदगी के सबसे कड़े संघर्षों का हिस्सा बनाती हैं और आपको वो हौंसला पका कर देती हैं जिसके सहारे आप अपनी खोई हुई ज़िंदगी को पटरी पर लाने की कोशिश कभी ना छोड़ सको। और दिल्ली से, छोटी-सी दिशिता और काव्या आप पर ख़ूब सारा प्यार लुटाती हैं। देहरादून वाले ऋषभ भैया कोई बहुत बुरा चुटकुला सुनाकर आपको हँसाते हैं। दिल्ली से बैठे-बैठे ही पीहू और प्राची दी की भेजी हुई किसी कहानी से आपका दिल ख़ुश हो जाता है। और आप भूल जाते हैं कि थोड़ी देर पहले आपके गाल आँसुओं से भीगे हुए थे।
अक्सर जब आपको ज़िन्दगी में किसी परिपक्व नज़रिए की ज़रूरत होती है तो आप दिल्ली में रहने वाले अभिजीत भैया से बात करते हो और वो चुटकियों में आपकी परेशानियाँ हल कर देते हैं। अमरावती वाले सुयश ब्रो से आप ज़िन्दगी की हर छोटी-बड़ी बात साझा कर सकते हो बिना ये सोचे कि वो आपके बारे में क्या सोचेंगे, क्योंकि आप समझते हो कि उनकी सोच आपके आस-पास रहने वाले हर इंसान से बेहतर ही नहीं, बहुत बेहतर है। पाकिस्तान में रहने वाली अम्बर आपकी ज़िंदगी की आम परेशानियों के बारे में आपके कमरे के बगल में रहने वाली लड़की से ज़्यादा जानती है। क्योंकि शायद वो आपको आपके आस-पास रहने वाले लोगों से बेहतर समझती है।
और अगर ये सब जैसे मेरे साथ होता है वैसे ही आपके साथ हो तो क्या आप मान पाएँगे लोगों की बात? क्या आप मान पाएँगे कि इंटरनेट पर मिलने वाले लोगों से दोस्ती करना ख़तरनाक होता है? क्या आप मान पाएँगे कि दुनिया में सिर्फ़ बुरे लोग ही फ़ेसबुक पर आपका इंतज़ार कर रहे हैं?
और क्या आप मान पाएँगे कि इन सब लोगों से, जिनका मैंने ऊपर नाम लिया, उनसे मैं आज तक अपनी असल जिंदगी में कभी मिला तक नहीं? क्या आप मान पाएँगे कि ये लोग जो आज तक मुझसे मिले भी नहीं, ये लोग ही कभी-कभी मेरी ज़िंदगी का ना टूटने वाला हौंसला बन जाते हैं? और क्या आप समझ पाएँगे कि किस तरह इन्हीं लोगों की बदौलत मुझे ज़िन्दगी में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलता है?
सच कहूँ? कभी-कभी मुझे भी यक़ीन नहीं होता कि मैं इन लोगों से आज तक असल ज़िन्दगी में नहीं मिला। लगता है जैसे जन्मों पुराने कुछ रिश्ते हैं जिन्हें जीते चले जा रहा हूँ। और इसीलिए, इस बार का फ्रेंडशिप डे मैं इन सब लोगों के नाम करता हूँ।
क्योंकि शायद आपने भी तो वो वाला ऐड सुना या देखा ही होगा कि,
एयरटेल सिम का, बोलता है न की "हर एक फ़्रेंड ज़रूरी होता है।"