मैं एक किसान हूँ,
ह्रदय से बलवान हूँ,
कर्तव्य की अथाह शक्ति,
भाग्य से हलकान हूँ।
मैं एक किसान हूँ!
कहते है लोग हमें,
देश का अभिमान हूँ,
गुदड़ी का लाल हूँ,
पर समाज का सवाल हूँ।
मैं एक किसान हूँ!
आये बहु झंझावात,
कर्म से न हटा हाथ,
अंतरमन रोता रहा,
लोगों का भार ढोता रहा,
देश का मैं लाल हूँ।
मैं एक किसान हूँ!
बर्षा की मूसलाधार से,
राजनीति के वार से,
लोगो के छद्म प्यार से,
सदा ही छला जाता हूँ।
मैं एक किसान हूँ!
हे चक्रधारी ईश!
काट दो अब मेरा शीश,
अन्यथा दे दो आशीष,
कि लोगो को खिलाता रहूँ।
मैं एक किसान हूँ!
पूछता सवाल हूँ!
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मेरे मित्र रणजीत सिंह (असली ऐच्छिक किसान) की आपबीती... इनके जिले (पूर्णिया) में बारिश हुई है, असमय।
"जय हिंद..!!"
"जय जवान"
"जय किसान"