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नव वर्ष की शुभकामनाएं

कुछ ख़ुशियाँ भी तो लाएगा 
ये साल नया जो आएगा 
कुछ दे के भी तो जाएगा 
ये साल नया जो आएगा 

हर रोज़ नई सौगातें होंगी 
इन आँखों के मुहानों में 
दिल से दिल की बातें होंगी 
हम झूमेंगे अरमानों में 
कुछ राहत भी तो लाएगा 
ये साल नया जो आएगा 
कुछ दे के भी तो जाएगा 
ये साल नया जो आएगा 

लेना-देना, पाना-खोना 
सब बीती सी बातें हैं 
आना-जाना, रोना-धोना 
सब बीती सी बातें हैं 
कुछ सपने भी तो लाएगा 
ये साल नया जो आएगा 
कुछ दे के भी तो जाएगा 
ये साल नया जो आएगा 

अब आएगी ख़ुशहाली भी 
हम भूलेंगे बदहाली को 
गुलशन-गुलशन फूल खिला दे 
ऐसा भी इक माली हो 
कुछ बरक़त भी तो लाएगा 
ये साल नया जो आएगा 
कुछ दे के भी तो जाएगा 
ये साल नया जो आएगा 

ग़ैरों को अपना लेंगे 
अपनों को भी मना लेंगे 
अपनी दुनिया,अपनी राहें 
मिल-जुल के सजा लेंगे 
कुछ चाहत भी तो लाएगा 
ये साल नया जो आएगा 
कुछ दे के भी तो जाएगा 
ये साल नया जो आएगा 

कुछ ख़ुशियाँ भी तो लाएगा  
ये साल नया जो आएगा 
कुछ दे के भी तो जाएगा 
ये साल नया जो आएगा 

{ शैलेन्द्र भारती } 
 31-12-2017
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सौगातें- उपहार 
मुहानों में- कोर में 
अरमानों में - आकाँक्षाओं में 
राहत- चैन  
ख़ुशहाली- प्रसन्नता 
बदहाली- परेशानी, बुरे हालात 
बरक़त - उन्नति

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