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दिल का न होता गर हमको इशारा

दिल का न होता गर हमको इशारा
पल भर चहकने न देता ये दिल
दिल ये हमारा था उल्फ़त का मारा
हमको बहकने न देता ये दिल

दिल के मुताबिक़ ये दुनिया न चलती
हमको मुनासिब ये दुनिया न लगती
दिल का नज़रिया था,दिल ने नक़ारा
हमको बिख़रने न देता ये दिल
दिल ये हमारा था उल्फ़त का मारा
हमको बहकने न देता ये दिल

बेज़ार यूँ तो न था दिल हमारा
बेख़ाब क्यों हुआ दिल हमारा
दिल ना झुका, न झुकेगा दोबारा
हमको भी झुकने न देता ये दिल
दिल ये हमारा था उल्फ़त का मारा
हमको बहकने न देता ये दिल

रंगों में रंग मिला के भी देखा
अपना ये ढंग आज़मा के भी देखा
दिल ये शराफ़त  में हारा बेचारा
हमको बिदकने न देता ये दिल
दिल ये हमारा था उल्फ़त का मारा
हमको बहकने न देता ये दिल

दिल का न होता गर हमको इशारा
हमको चहकने न देता ये दिल
दिल ये हमारा था उल्फ़त का मारा
हमको बहकने न देता ये दिल
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उल्फ़त- प्यार
मुताबिक़ -अनुसार
मुनासिब- उचित
नज़रिया- दृष्टिकोण
नक़ारा- ख़ारिज़ कर दिया
बेख़ाब- स्वप्नरहित
बेज़ार- नाख़ुश,विमुख
आज़मा के -परख़ के
शराफ़त- भलमनसाहत

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