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एक्स गर्लफ्रेंड की कॉल

एक्स गर्लफ्रेंड की कॉल

दिनांक 21/02/2015 को स्वास्थय खराब होने के कारण अत्यंत गहरी नींद में सो रहा था , अचानक फ़ोन की घंटी घनघनाई .......फ़ोन की घंटी के आवाज़ सुनकर फ़ोन उठाकर देखा तो पता चला कोई अननोन नंबर है ...फ़ोन को पलट कर रख दिया और फिर करवट बदलकर सोने का असफल प्रयाश करने करने लगा ...! थोड़ी थोड़ी आँख लग ही पायी थी कि फ़ोन की घंटी पुनः घनघनाने लगी .... फ़ोन को फिर छुआ तो देखा उसी नंबर से पुन: कॉल आ रहा था .... लगातार दो बार कॉल आने के कारण जिज्ञासा हुयी कि चलो फ़ोन उठाया जाये .... 
कॉल रिसीव करते ही .....

"Hello ......" एक लड़की कि आवाज़ !
" जी Hello, आप कौन ?" मैंने पूछा |

कुछ देर उधर से कोई जवाब नहीं था ....मैंने पुनः अपने प्रश्न को
दोहराया ,
"Hello, आप कौन ? क्या आप मुझे सुन पा रही है ?"

" जी ...जी... सुन रही हूँ !" उस लड़की ने कहा !

"उसके रुक - रुक कर बोलने के कारण मुझे उसकी आवाज़ कुछ जानी पहचानी लगने लगी थी .... पर मैंने सोचा 2 साल बाद भी भला कोई किसी को याद करेगा !! और मैंने अपने अंतर्मन में चल रहे द्वन्द को शांत किया और फिर पूछा ," 
मैडम , आपने अपना परिचय नहीं दिया ?? आप कौन ??2? "
" मैं....मैं .....गुड़िया..तुम्हारी गुड़िया ! " उस आवाज़ ने कहा !

मैं अब कुछ देर के लिए स्तब्ध हो चूका था ...मेरा मन- मस्तिष्क शिथिलता की ओर अग्रसर था ... सोच रहा था कि जो मैंने अभी-अभी सुना है कया वह सच है ? जो मैं सोच रहा था क्या वो सच हो गया ?? ये तमाम प्रश्न अब मेरे अंदर उठने लगे थे ......मेरे सोचते सोचते ..... पुनः आवाज़ आयी , 
" कहाँ गायब हो गए ....भारती जी ! " गुड़िया ने कहा।
" हम्म...हम्म..कही भी तो नहीं ! " मैंने कहा।

" तो बोलिये कुछ ..." गुड़िया ने कहा।
" अब खुद को हमारा मत कहा करिये .... दर्द और तकलीफ होती है ! वैसे फ़ोन करने का कारण जान सकता हूँ ? " मैंने गुड़िया से कहा।
गुड़िया - हर बार आपसे बात करने का कोई कारण नहीं होता।
मैं - झूठ.....सरासर झूठ ...आपने मुझसे बात तभी कि है जब कोई विशेष कारण हुआ है .... या कोई विशेष प्रयोजन !! आप कोई भी काम बेबजह नहीं करती .... आपके हर कार्य में उद्देश्य निहित होता है ! प्रेम भी उसी का ही हिस्सा तो था .....!
गुड़िया - आप मुझे इस बार गलत समझ रहे है ....!
मैं - मैं आपको अब तक गलत समझ रहा था पर आज सही समझ रहा हूँ ! हमारा अतीत इस दास्तान का गवाह है !!
गुड़िया - अतीत ....भुलाया नहीं जा सकता क्या ??
मैं - नहीं....आप यह कहकर चली गयी थी कि मैं आपसे नहीं अब किसी और से प्रेम करती हूँ ! तो तब इस अतीत ने ही मुझे संभाला था ....! और तुम कहती हो यह अतीत भूल जाऊँ....नहीं कभी नहीं ....!!
गुड़िया - मैं लौट आना चाहती हूँ .....बहुत अकेला महसूस करती हूँ तुम्हारे बिना !!
मैं - देखा ...मैंने कहा था जरूर कोई उद्देश्य होगा मुझसे पुनः बात करने का और आप ने उसका उत्तर भी दिया कि "बहुत अकेला महसूस करती हूँ तुम्हारे बिना !! " वैसे ....एक बात कहूँ .." मुझे छोड़ने का निर्णय आपका था ...मेरा नहीं ! छोड़ा आपने था मैंने नहीं !! हर बार निर्णय आप लो यह जरुरी तो नहीं .... इस बार निर्णय मैं लूँगा और मेरा निर्णय यह है कि मैं अब तुम्हारे बिना बेहतर महसूस करता हूँ ! आपकी सुनहरी यादे मुझे हर रोज हिम्मत देती है ! मुझे आज आपकी नहीं आपकी यादो की जरुरत है खुद को जीवंत रखने के लिए !! और निवेदन है मानोगी तुम ?? "

गुड़िया- हाँ बोलो आपकी हर बात मानूगी बोलिये !!
(आज जो शब्द उसके थे ...वही शब्द 2 वर्ष पूर्व मेरे थे कि मैं तुम्हारे बिना जी न सकूँगा ...तब तुमने कहा था " परिस्थितियां सब सिखा देगी और वैसी भी तुम बहुत हिम्मती हो ! " तब मैं भी ऐसे ही कहा करता था ," हाँ बोलो आपकी हर बात मानूगा बोलिये !!" और तब तुम कहती थी ......," दूर चले जाओ मुझसे ...अकेला छोड़ दो मुझे ! " और यह सुनकर .....मैं खुद को खत्म कर लेता था खुद में ....!! )
मैं - निवेदन है हाथ जोड़कर , टूर चली जाओ मुझसे ...अकेला छोड़ दो
मुझे !! अबकी जो टूटा मैं खुद को संभाल न पाउँगा !! खुद को बर्बाद करके संँवारा है ....तुम्हारी यादो के भरोसे !!

( दूसरी तरफ रोने कि आवाज़ स्पष्ट सुनाई दे रही थी , मैंने उसे पहली बार रोते हुए देखा था ....जो पहले कभी नहीं हुआ था ! तब मैं रोता था और वो कहती थी," प्लीज़ ...ये सब बंद करो .....मुझे नफरत है इन हरकतों से। " तब दिल की चुभन तुमको हरकत लगती थी ......और आज ...! )
गुड़िया- प्लीज़ भारती जी.......माफ़ कर दीजिये हमें !!
मैं - माफ़ी रिश्तो में होती ..... नफरतो में नहीं .....! मुझे नफरत तुमसे
है तुम्हारी यादो से नहीं .... तुम्हारी यादे मुझे जीने की हिम्मत देती है !!
जाइये .... अपनी ज़िन्दगी कही और बेहतर बसर करिये .....वैसे भी
आपके पास विकल्पों की कमी कभी नहीं रही आपकी शादी भी हो गई है ! !

गुड़िया - प्लीज़..... ज़िंदगी तुम हो ...अतीत ... वर्तमान तुम ही
हो .....भारती !!

मैं - फिर झूठ ..... कितना झूठ बोला जायेगा !! अब रखिये फ़ोन ..... कही इतनी देर न कर देना कि मैं बिखर जाऊँ ....! मेरी सलामती के लिए अब फ़ोन न करना .......यही उपकार होगा आपका !!

( पहिल बार गुस्सा किया था परी पर !! मैं फ़ोन काट देता हूँ .... और कुछ देर फ़ोन बंद करके उसको कही दूर फेक देता हूँ ......! )
" तुम मुझमे जीवंत हो ....थी ...और रहोगी .... सिर्फ यादो में !! मेरी रूह तुमसे कोसो दूर है .....!! "
"किसी को आज किसी के लिए तड़पते देखा है ....
मैंने आज उसे पहले दफे
रोते देखा है ..... ”


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